🏆IGNOU DECE-002 Solved Assignment 2025–26 (Hindi Medium) | PDF Download
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DECE-002 2025–26 हिंदी माध्यम सॉल्व्ड असाइनमेंट PDF फ्री डाउनलोड करें। सभी प्रश्न-उत्तर, सबमिशन डेट और IGNOU गाइडलाइन के अनुसार तैयारी।
परिचय (Introduction)
DECE-002:
प्रारंभिक बचपन में देखभाल और शिक्षा (Care and Education in Early
Childhood), इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) के Diploma in Early Childhood Care and Education (DECE) प्रोग्राम का दूसरा कोर्स है।
इस विषय का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को 0–6 वर्ष के बच्चों की देखभाल, पोषण, शिक्षा और विकास संबंधी पहलुओं की गहरी समझ प्रदान करना है।
IGNOU में असाइनमेंट का महत्व केवल परीक्षा उत्तीर्ण करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वास्तविक जीवन में प्रयोग होने वाले कौशल और व्यावहारिक ज्ञान को विकसित करने का माध्यम भी है।
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Assignment Details
विवरण |
जानकारी |
कोर्स कोड |
DECE-002 |
कोर्स का नाम |
प्रारंभिक बचपन में देखभाल और शिक्षा |
प्रोग्राम |
Diploma in Early Childhood Care and Education |
भाषा |
हिंदी |
असाइनमेंट वर्ष |
2025–26 |
अंतिम तिथि (Jan 2025 Session) |
31 मार्च
2025 |
अंतिम तिथि (July 2025 Session) |
30 सितंबर
2025 |
Solved Assignment (Hindi Medium)
⚠ नोट – सभी उत्तर IGNOU गाइडलाइन के अनुसार 100% यूनिक और सरल भाषा में लिखे गए हैं।
Q. 1 भारत में
स्वास्थ्य देखभाल के स्तर एंव शहरी स्वास्थ्य वितरण प्रणाली का वर्णन कीजिए।
परिचय:
भारत एक विकासशील देश है जहाँ स्वास्थ्य सेवाएँ जनसंख्या की विविध आवश्यकताओं के अनुसार बहुस्तरीय प्रणाली पर आधारित हैं। भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को तीन स्तरों पर विभाजित किया है – प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक। साथ ही, शहरी क्षेत्रों के लिए अलग स्वास्थ्य वितरण प्रणाली बनाई गई है ताकि बढ़ती जनसंख्या और शहरी गरीबी के संदर्भ में उपयुक्त सेवाएँ प्रदान की जा सकें।
1. स्वास्थ्य देखभाल के तीन स्तर (Levels
of Health Care):
🔸 (क) प्राथमिक स्तर (Primary
Level):
यह सबसे पहला और बुनियादी संपर्क बिंदु है, जहाँ सामान्य रोगों का उपचार, टीकाकरण, प्रसव पूर्व एवं पश्चात देखभाल, परिवार नियोजन, स्वच्छता एवं पोषण जैसी सेवाएं दी जाती हैं।
- संस्थान: उप-केंद्र (Sub-Centre), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC)
- प्रभाव: गाँवों और कस्बों में 80% से अधिक बीमारियों का इलाज यहीं हो जाता है।
🔸 (ख) द्वितीयक स्तर
(Secondary Level):
यह उन रोगियों के लिए है जिन्हें प्राथमिक स्तर से रेफर किया जाता है। इसमें विशेषज्ञ सेवाएं, परीक्षण, एवं आपातकालीन सेवाएँ उपलब्ध होती हैं।
- संस्थान: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), जिला अस्पताल
- सेवाएँ: प्रसूति एवं स्त्रीरोग, बाल रोग, शल्य चिकित्सा, एक्स-रे, पैथोलॉजी आदि।
🔸 (ग) तृतीयक स्तर
(Tertiary Level):
यह सबसे उन्नत स्तर होता है जहाँ जटिल और गंभीर बीमारियों के लिए सुपर-स्पेशियलिस्ट एवं आधुनिक तकनीकों से उपचार होता है।
- संस्थान: मेडिकल कॉलेज, AIIMS, सुपर-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स
- सेवाएँ: कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट, न्यूरो सर्जरी, कार्डियक सर्जरी आदि।
2. भारत में शहरी स्वास्थ्य वितरण प्रणाली (Urban
Health Delivery System):
शहरी भारत में स्वास्थ्य सेवाएँ मुख्यतः सरकार एवं निजी क्षेत्र द्वारा चलाई जाती हैं। शहरी गरीबों को लक्षित करते हुए राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (NUHM) 2013 में शुरू किया गया था।
🔹 (क) राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (NUHM):
NUHM शहरी झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले गरीबों के लिए बेहतर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है।
👉 NUHM के मुख्य घटक:
- शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (UPHC): लगभग 50,000 जनसंख्या पर एक केंद्र।
- यू-एच-सी (Urban Health Centre): हर झुग्गी क्षेत्र के लिए एक मोबाइल यूनिट।
- मोहल्ला क्लीनिक: दिल्ली जैसे राज्यों में छोटा और प्रभावी मॉडल जहाँ मुफ्त दवा, जांच और परामर्श होता है।
🔹 (ख) निजी क्षेत्र की भूमिका:
शहरी क्षेत्र में निजी अस्पताल, क्लीनिक और नर्सिंग होम की भी बड़ी भूमिका होती है, विशेषकर मध्यम और उच्च वर्ग के लिए।
🔹 (ग) एनजीओ और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP):
सरकार कई क्षेत्रों में NGOs और निजी संस्थानों के साथ मिलकर स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करती है।
3. प्रमुख चुनौतियाँ और समाधान:
⚠️ चुनौतियाँ:
- जनसंख्या घनत्व और झुग्गियों में अव्यवस्थित जीवन
- अपर्याप्त जनशक्ति और संसाधन
- निजी क्षेत्र की उच्च लागत
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का अभाव
✅ संभावित समाधान:
- स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में वृद्धि
- स्वास्थ्य बीमा योजनाओं जैसे "आयुष्मान भारत" का विस्तार
- शहरी झुग्गियों में मोबाइल चिकित्सा इकाइयों की संख्या बढ़ाना
- डिजिटल स्वास्थ्य सेवा (e-health, telemedicine) को बढ़ावा
✅ निष्कर्ष:
भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था का उद्देश्य “सबके लिए स्वास्थ्य” (Health for All) है। इसके लिए एक मजबूत और बहुस्तरीय ढांचा आवश्यक है। प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक स्तरों का संतुलन, साथ ही शहरी वितरण प्रणाली की कुशलता, देश के स्वास्थ्य मानकों को बेहतर बनाने की दिशा में मील का पत्थर हैं। NUHM, आयुष्मान भारत और PPP मॉडल को और प्रभावी बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।
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Tips for Students
- उत्तर अपने शब्दों में लिखें।
- उदाहरण और केस स्टडी जोड़ें।
- हैंडराइटिंग साफ और स्पष्ट हो।
FAQs
Q1. क्या DECE-002 का असाइनमेंट हाथ से लिखना जरूरी है?
हाँ, IGNOU केवल हैंडरिटन असाइनमेंट स्वीकार करता है।
Q2. लास्ट डेट क्या है?
Jan 2025 Session – 31 मार्च 2025
July 2025 Session – 30 सितंबर 2025
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