रूढ़िवाद क्या है? एडमण्ड बर्क के विचारों के परिप्रेक्ष्य में इसकी व्याख्या कीजिए

रूढ़िवाद क्या है? एडमण्ड बर्क के विचारों के परिप्रेक्ष्य में इसकी व्याख्या कीजिए

रूढ़िवाद (Conservatism) एक सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक दृष्टिकोण है जो समाज के परंपरागत और स्थायी संरचनाओं का समर्थन करता है और परिवर्तन के प्रति आत्म-सावधान रहता है। यह एक सिद्धांत है जो समृद्धि की प्रक्रिया को धीरे-धीरे, अनुभूति-प्रतिस्थापन के माध्यम से होने का समर्थन करता है और परंपरागत संस्कृति और मूल्यों को महत्वपूर्ण मानता है। 

रूढ़िवाद क्या है? एडमण्ड बर्क के विचारों के परिप्रेक्ष्य में इसकी व्याख्या कीजिए

रूढ़िवाद क्या है? एडमण्ड बर्क के विचारों के परिप्रेक्ष्य में इसकी व्याख्या कीजिए-इसमें सामाजिक बदलाव को आवश्यकता के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह परंपरागत ढांचे में बदलाव को अच्छी तरह से सोच-समझकर किया जाना चाहिए।

एडमण्ड बर्क और रूढ़िवाद:

एडमण्ड बर्क (Edmund Burke), जो 18वीं सदी के अंग्रेज़ राजनेता और विचारक थे, को रूढ़िवाद के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान पर खड़ा करने वाला माना जाता है। उनके विचारों के परिप्रेक्ष्य में हम रूढ़िवाद की व्याख्या करते हैं:

परंपरागत संरचनाओं का महत्व: बर्क ने रूढ़िवाद में परंपरागत संरचनाओं को बहुत अधिक महत्वपूर्ण माना। उनका मत था कि समाज की सुरक्षा और स्थिरता परंपरागत संरचनाओं की दृष्टि से ही संभव है, और इन्हें सुरक्षित रखना चाहिए। उन्होंने अपनी रचनाओं में यह दिखाया कि समाज को बिना सोचे-समझे परिवर्तन करना उचित नहीं है और पुरानी अच्छाईयों का समर्थन करना चाहिए।

जड़-भरा संबंध: बर्क ने जड़-भरे संबंध की महत्वपूर्णता को स्वीकारा, जिससे समाज की एकता और स्थिरता को बनाए रखना संभव होता है। उनका मानना था कि व्यक्ति और समाज को उनके ऐतिहासिक संबंधों का समर्थन करना चाहिए, जो समृद्धि और सुरक्षा का स्रोत हो सकते हैं।

आत्म-सावधानी और विचारशीलता: बर्क ने रूढ़िवाद के माध्यम से समाज को आत्म-सावधान रहने की आवश्यकता का सुझाव दिया। उनका मत था कि समाज को धीरे-धीरे और सोच-समझकर बदलना चाहिए, ताकि पुरानी मूल्यों का समर्थन करके नई समस्याओं का सामना किया जा सके

उन्होंने विचारशीलता को बढ़ावा देने का भी समर्थन किया।

अंग्रेज़ राजनीति में भूमिका: बर्क की रूढ़िवादी दृष्टिकोण अंग्रेज़ राजनीति में भी महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने अमेरिकी आज़ादी संग्राम और फ्रेंच राजनीतिक क्रांति के समय अपनी विचारशीलता से सर्वोच्च सत्ता की सुरक्षा के महत्व को समझा। बर्क ने यहां भूमिका निभाई कि अंग्रेज़ समाज को अपनी परंपरागत संरचना को सुरक्षित रखने की आवश्यकता है और विधियों में सुधार को धीरे-धीरे लागू किया जाना चाहिए।

रूढ़िवाद क्या है? एडमण्ड बर्क के विचारों के परिप्रेक्ष्य में इसकी व्याख्या कीजिए

स्वतंत्रता के समर्थन में सीमा: बर्क ने स्वतंत्रता के समर्थन में सीमा को बताया और यह दिखाया कि स्वतंत्रता को अन्यायपूर्ण रूप से लागू करना जो तेजी से समाज को बदलने की कोशिश करता है, यह विशेषत: धीरे-धीरे परिवर्तन करने वाले रूढ़िवाद के तत्वों के खिलाफ था। उनका मानना था कि समाज को स्वतंत्रता का अनुभव करने की योजना बनाने के लिए समय की आवश्यकता है ताकि यह अवगत हो सके कि स्वतंत्रता का सही उपयोग कैसे किया जा सकता है।

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स्वतंत्रता के समर्थन में सीमा: बर्क ने स्वतंत्रता के समर्थन में सीमा को बताया और यह दिखाया कि स्वतंत्रता को अन्यायपूर्ण रूप से लागू करना जो तेजी से समाज को बदलने की कोशिश करता है

रूढ़िवाद क्या है? एडमण्ड बर्क के विचारों के परिप्रेक्ष्य में इसकी व्याख्या कीजिए-यह विशेषत: धीरे-धीरे परिवर्तन करने वाले रूढ़िवाद के तत्वों के खिलाफ था। उनका मानना था कि समाज को स्वतंत्रता का अनुभव करने की योजना बनाने के लिए समय की आवश्यकता है ताकि यह अवगत हो सके कि स्वतंत्रता का सही उपयोग कैसे किया जा सकता है।

रूढ़िवाद और विकासवाद में अंतर:

रूढ़िवाद और विकासवाद दोनों ही सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक सुधार की दिशा में हैं, लेकिन इनके दृष्टिकोण और तरीके अलग-अलग हैं। जब हम इन दोनों को तुलना करते हैं, तो विभिन्न अंतर सामने आते हैं:

समाज की दृष्टि:

रूढ़िवाद: यह समाज को परंपरागत संरचनाओं के महत्व को मानता है और इन्हें सुरक्षित रखने का समर्थन करता है। रूढ़िवादी समाज को धीरे-धीरे और समझदारी से बदलने की योजना बनाने की सलाह देता है।

विकासवाद: यह समाज को तेजी से परिवर्तन करने की दृष्टि से है और आर्थिक, तकनीकी, और सामाजिक सुधार के माध्यम से समृद्धि की दिशा में बढ़ावा देना चाहता है।

परंपरागत संरचनाओं का समर्थन:

रूढ़िवाद: इसमें परंपरागत संरचनाओं का समर्थन किया जाता है और यह मानता है कि इन्हें सुरक्षित रखकर समाज को ्थिरता मिलती है। रूढ़िवादी समाज परंपराओं के महत्व को बचाए रखने की दिशा में है और इसे एक स्थिर और संरचित समाज की अवधारित रूप में देखता है।

विकासवाद: विकासवाद में समाज को तेजी से परिवर्तन करने की दृष्टि से है, और यह मानता है कि कुछ समय के बाद बदलाव करना आवश्यक है ताकि समृद्धि हो सके। इसमें नए और आधुनिक विचारों को समाज में प्रवेश करने का प्रयास किया जाता है, ताकि समाज आगे बढ़ सके और समृद्धि की दिशा में बढ़ावा हो।

व्यक्ति और समाज का धाराप्रवाह:

रूढ़िवाद: यह धाराप्रवाह में व्यक्ति और समाज को संतुलित रूप से देखता है और व्यक्तिगत और सामाजिक सुधार को बराबर मानता है। इसमें यह विचारणा है कि समाज का समृद्धि की दिशा में जाने के लिए व्यक्तिगत सुधार की आवश्यकता है।

विकासवाद: यह धाराप्रवाह में सामाजिक सुधार और समृद्धि को महत्वपूर्ण मानता है और इसमें व्यक्ति को समाज के हित में बदलाव करने का प्रयास करने की आवश्यकता है। यह मानता है कि व्यक्ति की सुधार एक समृद्धि और समाजिक सुधार की दिशा में बढ़ावा ला सकती है।

समाज की प्राथमिकता:

रूढ़िवाद: इसमें समाज की प्राथमिकता को महत्वपूर्ण रूप से लिया जाता है और यह सामाजिक सुरक्षा और स्थिरता की दिशा में बढ़ावा करने की कोशिश करता है। रूढ़िवादी समाज में समृद्धि का मतलब सामाजिक सुरक्षा और स्थिरता है।

विकासवाद: यह समाज की प्राथमिकता को भी महत्वपूर्ण रूप से लेता है, लेकिन इसमें समृद्धि का मतलब आर्थिक और सामाजिक सुधार को बढ़ावा देने की दिशा में है। इसमें यह धारणा है कि समृद्धि से ही समाज की प्राथमिकता को पूरा किया जा सकता है।

 

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