[Ans] शिक्षा में सेवाओं में व्यापार संबंधी सामान्य समझौता (GATS)

 शिक्षा में सेवाओं में व्यापार संबंधी सामान्य समझौता (GATS)

सेवाओं में व्यापार पर सामान्य समझौता (General Agreement on Trade in Services - GATS) एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है, जो विश्व व्यापार संगठन (WTO) के तत्वावधान में 1995 में लागू हुई। यह समझौता विभिन्न देशों के बीच सेवा क्षेत्रों में व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, वित्तीय सेवाएं, संचार आदि विभिन्न सेवा क्षेत्रों के व्यापार के नियमों और मानकों को स्थापित किया गया है। GATS का मुख्य उद्देश्य सेवाओं के व्यापार को सुनिश्चित करना है, ताकि विभिन्न देशों के लोग और उद्योग उन सेवाओं का लाभ उठा सकें। [Ans] शिक्षा में सेवाओं में व्यापार संबंधी सामान्य समझौता (GATS). 

शिक्षा में सेवाओं में व्यापार संबंधी सामान्य समझौता (GATS)

GATS के उद्देश्य और संरचना

GATS का मुख्य उद्देश्य सेवाओं के व्यापार में बाधाओं को कम करना और सदस्य देशों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है। इस संधि के तहत विभिन्न सेवाओं के लिए चार प्रमुख मोड्स (Modes) को परिभाषित किया गया है:

Mode 1: Cross-border Supply - यह मोड सेवा प्रदाता और सेवा उपभोक्ता के बीच सीमा पार सेवाओं के आदान-प्रदान को संबोधित करता है। उदाहरण के लिए, इंटरनेट के माध्यम से प्रदान की जाने वाली शिक्षा सेवाएं।

Mode 2: Consumption Abroad - यह मोड सेवा उपभोक्ता को सेवा प्राप्त करने के लिए विदेश जाने की अनुमति देता है। उदाहरण के लिए, विदेश में जाकर शिक्षा प्राप्त करना।

Mode 3: Commercial Presence - यह मोड सेवा प्रदाता को किसी दूसरे देश में व्यावसायिक उपस्थिति स्थापित करने की अनुमति देता है, जैसे कि विदेशी विश्वविद्यालय द्वारा किसी अन्य देश में शाखा परिसर खोलना।

Mode 4: Presence of Natural Persons - यह मोड सेवा प्रदाता के कर्मचारियों को सेवा प्रदान करने के लिए विदेश जाने की अनुमति देता है।


शिक्षा क्षेत्र में GATS का प्रभाव

शिक्षा क्षेत्र में, GATS के तहत, संबंधित देशों को विदेशी विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के साथ विद्यार्थियों के लिए या अन्य रूपों में विदेशी शिक्षा सेवाओं के आदान-प्रदान को संरक्षित करने के लिए नियमों और व्यवस्थाओं को स्थापित करने की स्वतंत्रता मिलती है। इसके तहत, शिक्षा सेवाओं के व्यापार को प्रोत्साहित करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए हैं।


साझेदारी और सहयोग

GATS के तहत, विभिन्न देशों के शिक्षा संस्थानों के बीच साझेदारी और सहयोग को प्रोत्साहित किया जाता है। इस संदर्भ में, साझेदारी कार्यक्रमों (Twinning Programmes) का महत्व बढ़ गया है। इसमें दो या दो से अधिक शिक्षा संस्थाएँ संयुक्त रूप से अध्ययन कार्यक्रम संचालित करती हैं, ताकि एक संस्था में पढ़ने वाले छात्रों को दूसरे संस्थान में मान्यता मिल सके और स्थानांतरण के लिए स्वीकृत हो जाने पर वह अपना अध्ययन जारी रख सके।

उदाहरण के लिए, भारत में विभिन्न विश्वविद्यालय अपनी शिक्षण प्रणाली को उन्नत बनाने के लिए अन्य विश्वविद्यालयों, स्कूलों, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं। यह सहयोग छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के नए अवसर प्रदान करता है और शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करता है।

दूरस्थ शिक्षा (Distance Education)

दूरस्थ शिक्षा एक शैक्षिक प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न शिक्षा साधनों का उपयोग करके छात्रों को शिक्षा प्रदान की जाती है, जबकि वे भौतिक रूप से उपस्थित नहीं होते हैं। यह शिक्षा प्रणाली विशेष रूप से कामकाजी लोगों और गृहिणियों के लिए उपयुक्त है, क्योंकि इसमें लचीलापन और सुविधा होती है।

भारत में, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है। IGNOU विभिन्न अध्ययन सामग्री जैसे इंटरनेट, टेलीविजन, वीडियो कैसेट्स और अन्य शिक्षा साधनों का उपयोग करके शिक्षा प्रदान करता है। IGNOU द्वारा संचालित ज्ञान-दर्शन टी.वी. चैनल एक विशिष्ट शैक्षिक चैनल है, जो दूरस्थ शिक्षा को बढ़ावा देता है। यह चैनल IGNOU, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT), और विभिन्न सरकारी मंत्रालयों का एक सामूहिक प्रयास है।


पार-राष्ट्रीय शिक्षा (Transnational Education)

पार-राष्ट्रीय शिक्षा में शिक्षण प्रबंधक और छात्र दोनों विभिन्न देशों में स्थित होते हैं। शिक्षण संस्था और छात्रों के बीच शिक्षण-संवाद विविध माध्यमों से होता है जैसे: मेल, कंप्यूटर नेटवर्क, टेलीकॉन्फ्रेंसिंग, रेडियो या टेलीविजन नेटवर्क आदि।

इस प्रकार की शिक्षा को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:

  • जन-गतिशीलता-आधारित शिक्षा - शैक्षणिक उद्देश्य से व्यक्ति विदेश जा सकता है।
  • कार्यक्रम-गतिशीलता आधारित शिक्षा - शिक्षण कार्यक्रम से विदेश में जा सकते हैं।

संस्था-गतिशीलता आधारित शिक्षा - शिक्षण उद्देश्य के लिए संस्था या प्रबंधक विदेश जा सकता है एवं निवेश कर सकता है।

उदाहरण के लिए, कई विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संचालित करने के लिए शाखा परिसरों का निर्माण करते हैं या विशेषाधिकृत व्यवस्था के तहत अन्य संस्थानों के साथ साझेदारी करते हैं।


विशेषाधिकृत व्यवस्था (Franchise Arrangements)

विशेषाधिकृत व्यवस्था के तहत, एक उच्च शिक्षण संस्थान (विशेषाधिकारी) अपने ही देश या किसी अन्य देश की दूसरी संस्था (विशेषाधिकृत) को शिक्षण सेवाएँ प्रदान करने का अधिकार देता है। इस व्यवस्था में संस्थान द्वारा प्रस्तुत पाठ्यक्रमों के लिए शाखा परिसर में छात्रों का नामांकन होता है। यह व्यवस्था विशेषाधिकार व्यवस्था से मिलती-जुलती है, केवल अन्तर यह है कि शाखा परिसर पर संस्थान का अपना अधिकार होता है जबकि विशेषाधिकृत व्यवस्था में संस्था (विशेषाधिकारी) अन्य संस्थान को केवल अपने पाठ्यक्रम के संचालन की मंजूरी देती है।


GATS और शिक्षा सेवाओं की गुणवत्ता

GATS का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य शिक्षा सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है। इस संदर्भ में, यह सुनिश्चित किया जाता है कि शिक्षा संस्थान अपने छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करें। इसके लिए विभिन्न मानकों और नियमों का पालन अनिवार्य होता है।

मानकों और नियमों का पालन

GATS के तहत, शिक्षा संस्थानों को विभिन्न मानकों और नियमों का पालन करना होता है ताकि वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कर सकें। इस प्रक्रिया में संस्थान की शिक्षा प्रणाली, पाठ्यक्रम, शिक्षण विधियाँ, और मूल्यांकन प्रक्रिया की समीक्षा की जाती है।

छात्रों के लिए लाभ

GATS के तहत, छात्रों को विविध अवसरों का लाभ उठाने का माध्यम मिलता है। इससे उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा प्राप्त करने, विभिन्न देशों की संस्कृति और शिक्षण विधियों को जानने और समझने का अवसर मिलता है।

उदाहरण के लिए, एक भारतीय छात्र GATS के तहत किसी अमेरिकी विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर सकता है और वहीं के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है। इससे केवल उसकी शैक्षणिक योग्यता में वृद्धि होती है, बल्कि उसे अंतर्राष्ट्रीय अनुभव भी प्राप्त होता है।

भारत में GATS का प्रभाव

भारत में, GATS के प्रभाव से शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव आए हैं। भारतीय विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान अब अधिक अंतर्राष्ट्रीय हो गए हैं और विदेशी संस्थानों के साथ सहयोग कर रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

भारत के विभिन्न विश्वविद्यालय और संस्थान अब विदेशी विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों के साथ साझेदारी कर रहे हैं। यह सहयोग विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है जैसे कि अनुसंधान, शिक्षण, और पाठ्यक्रम विकास।

उदाहरण के लिए, दिल्ली विश्वविद्यालय ने कई विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ समझौते किए हैं ताकि उनके छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त हो सके। इसी प्रकार, IITs और IIMs ने भी विदेशी संस्थानों के साथ साझेदारी कर विभिन्न संयुक्त कार्यक्रम शुरू किए हैं।

शिक्षा सेवाओं का विस्तार

GATS के तहत, भारतीय शिक्षा संस्थानों ने अपनी सेवाओं का विस्तार किया है। उन्होंने विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम और कार्यक्रम शुरू किए हैं।

उदाहरण के लिए, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) ने विदेशी छात्रों के लिए विशेष पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। इसी प्रकार, एमिटी विश्वविद्यालय ने भी विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किए हैं ताकि वे विदेशी छात्रों को आकर्षित कर सकें।

गुणवत्ता में सुधार

GATS के प्रभाव से भारतीय शिक्षा संस्थानों में गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उन्होंने अपने पाठ्यक्रमों और शिक्षण विधियों में सुधार किया है ताकि वे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हों।

उदाहरण के लिए, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने अपने पाठ्यक्रमों में अंतर्राष्ट्रीय मानकों को शामिल किया है और शिक्षकों को अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रदान किया है। इसी प्रकार, मुंबई विश्वविद्यालय ने भी अपने पाठ्यक्रमों और शिक्षण विधियों में सुधार किया है।

निष्कर्ष

शिक्षा में सेवाओं में व्यापार संबंधी सामान्य समझौता (GATS) सेवाओं में व्यापार पर सामान्य समझौता (GATS) उच्च शिक्षा के क्षेत्र में व्यापार को सुनिश्चित करता है, सेवाओं की गुणवत्ता को संरक्षित करता है, और छात्रों को विविध अवसरों का लाभ उठाने का माध्यम बनाता है। इसके अंतर्गत, विश्वविद्यालयों के बीच अंतर्राष्ट्रीय समर्थन, छात्रों की अधिकता, सेवाओं की गुणवत्ता का संरक्षण, और अर्थव्यवस्था में योगदान के अवसर एक देश से दूसरे देश को प्रदान होते हैं। बदलते परिवेश के अनुरूप, भारत में शिक्षा का स्वरूप एक नया आकार ले रहा है और यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी हो रहा है।

GATS ने शिक्षा के क्षेत्र में केवल व्यापार के नए अवसर खोले हैं, बल्कि इसे अधिक उन्नत और समृद्ध भी बनाया है। इसके माध्यम से, विभिन्न देशों के लोग और संस्थान एक-दूसरे से सीख रहे हैं और शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छू रहे हैं। भविष्य में, GATS के प्रभाव से शिक्षा के क्षेत्र में और भी अधिक विकास और सुधार की संभावनाएँ हैं।

 

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